- 6 फीट के इंसान के कद से बड़े होंठ, आंखें और जैकेट के बटन, 220 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की हवाओं का भी असर नहीं
- सात मंजिला इमारत जितना ऊंचा तो सिर्फ चेहरा है, 70 फीट के हाथ हैं, पैरों की ऊंचाई 85 फीट से ज्यादा
- सबसे कम वक्त में बनने वाली यह दुनिया की पहली प्रतिमा, अनावरण 31 अक्टूबर को
इस प्रतिमा को बनाने वाले शिल्पकार पद्मश्री
राम सुथार और उनके बेटे अनिल सुथार भी उस पल का इंतजार है, जब आम लोगों के
लिए इस प्रतिमा का अनावरण होगा। सुथार बंधुओं ने बताया, "मोदीजी को सरदार
की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाने का विचार आया। उनकी सूचना के बाद काम आगे बढ़ा।
अमेरिकन आर्किटेक्ट माइकल ग्रेस और टनल एसोसिएट्स कंपनी को भी हायर किया
गया है। उन्होंने हमसे बहुत सारी जानकारियां ली। माइकल ग्रेस ने भारत में सरदार पटेल की सभी मूर्तियां को देखा और उनके बारे में पढ़ा।"
सरकार स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को पश्चिम भारत के
सबसे शानदार पर्यटक स्थलों के रूप में विकसित कर रही है। यहां पर्यटकों के
लिए प्रतिमा के अलावा भी कई आकर्षण बनाए जा रहे हैं। पर्यटक यहां भी रुक
सकेंगे।
अहमदाबाद. सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर ऊंची मूर्ति तैयार है। नर्मदा के बांध पर बनी यह मूर्ति सात किलोमीटर दूर
से नजर आने लगती है। स्टैच्यू में लगी लिफ्ट से पर्यटक सरदार के हृदय तक जा
सकेंगे। यहां से लोग सरदार सरोवर बांध के अलावा नर्मदा के 17 किमी लंबे तट
पर फैली फूलों की घाटी का नजारा देख सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस
प्रतिमा का अनावरण 31 अक्टूबर को करेंगे।
यह दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति है। इसके बाद 128 मीटर ऊंची चीन की स्प्रिंग
बुद्ध और न्यूयॉर्क की 90 मीटर ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी का नंबर
आता है। इसे करीब 7 किमी दूर से देखा जा सकता है। इसकी संपूर्ण तस्वीर के
लिए भास्कर के रि
पोर्टर सात दिन तक निर्माण स्थल पर रहे। भास्कर मोबाइल एप आपको वो सब बताने जा रहा है, जिसे जानना आपको जरूरी है...